Posts

Showing posts from September, 2017

Kavita - 016 तुझको याद तो मेरी आती होगी

Image
पूनम की चांदनी रातो मे जब सारी दुनिया जगमग हो जाती होगी और तुझको नींद जब थोड़ी देरी से आती होगी | सच कहना | खिड़की से तकते चाँद को देख | तुझको याद तो मेरी आती होगी | मम्मी से हुआ हो झगड़ा या बहन से ना बांपाती होगी | और सारी दुनिआ मे तुझको दुश्मनी सी नज़र आती होगी | सच कहना | माथे पे आती गुस्से की रेखाओ संग तुझको याद तो मेरी आती होगी | जब बैठ अपनों के बीच भी खुद को पराया सा पाती होगी | जब कहने सुनने को कोई बात न रह जाती होगी | लाख कोशिश के बाद भी  दिल की बात जुबा तक न आती होगी | सच कहना | उस तन्हाई मे तुझको याद तो मेरी आती होगी | जब सावन मे बारिश की बुँदे धरती सी मिलने आती होंगी  और मम्मी संग सूखे कपङे छत पर लेने जाती होगी | सच कहना | धरती मे खोती बुँदे देख | तुझे याद तो मेरी आती होगी | जब सज सवार कर माथे पे बिंदी और आँखों  मे काजल लगा घर से बहार जाती होगी| देख आईने मे जब खुदको सबसे सुन्दर पाती होगी | पर किसी की तर्रीफ़े तेरे दिल को न छू पाती होंगी | सच कहना | खुद पर इतराते हुए तुझे याद तो मेरी आती होगी |