Kavita - 015 जब हम छोटे बच्चे थे
कंधो पर बास्ते भरी हाथ जरा तब छोटे थे ये उन दिनों के बाते है जब हम छोटे बच्चे थे | रोज सवेरे उठकर दौड़ स्कूल को जाते थे | आधी छुट्टी से पहले टिफ़िन चट कर जाते थे पर पकडे जाने मैडम से मार भी खाते थे | यारो दोस्तों संग जम कर जश्न मानते थे | भोले भले पर शैतानी मे पक्के थे| ये उन दिनों के बाते है जब हम छोटे बच्चे थे | बिना थके घंटो घंटो बल्ले खूब बजाते थे | और गेंद लेन को नाली मे भी घुस जाते थे | शाम को बिजली जाने ...